कंप्यूटर का बुनियादी ज्ञान (COMPUTER BASIC KNOWLEDGE) 2024 FAST: PART 2 पहली पोस्ट में हमने कुछ महतवपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की थी अब कंप्यूटर के अन्य भागों पर चर्चा करेंगें I
Output:COMPUTER BASIC
जिस उपकरण की सहायता से CPU से आने वाली सूचनाओं या परिणामों को हम प्राप्त कर सकते है उन्हें हम आउटपुट डिवाइस कहते हैं। कम्प्यूटर से प्राप्त परिणाम दो प्रकार के होते हैं।
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Table of Contents
(1) Soft Copy
(2) Hard Copy
यदि परिणाम से प्राप्त सूचनाओं को किसी प्रोग्राम माध्यम से Screen पर देखा जा सके या आवाज के रूप में प्राप्त किया जा सके तथा जिसे बार बार परिवर्तित भी किया जा सके Soft Copy कहलाती है।
3- Processing:
डाटा को इनपुट किये जाने के पश्चात् उसे सूचनाओं के रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को प्रोसेसिंग कहा जाता है। कम्प्यूटर में प्रोसेसिंग का कार्य सीपीयू करता है जिसे कम्प्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है।
इनपुट किया गया डाटा सबसे पहले मेन मैमोरी में पहुंचता है जहां से इसे प्रोसेसिंग के लिये सीपीयू के पास भेजा जाता है। डाटा की प्रोसेसिंग हो जाने के पश्चात् प्राप्त निष्कर्ष को आउटपुट के रूप में प्रदान कर दिया जाता है।
जब रीजल्ट को प्रिन्टर अथवा Plotter द्वारा कागज पर प्रिन्ट किया जाता हैं तो यह hard copy होती है।
परिणामों को देखने के लिए विभिन्न प्रकार के आउटपुट डिवाइस है।
(1) Monitor
(2) Printer (3) Plotter
(4) Sound Card & Speaker
(5) Projector
4- Storage: मुख्य रूप से पीसी के दो भंडारण इकाई हैं
(A) Primary Storage/Memory COMPUTER BASIC
Primary Memory कंप्यूटर की Main Memory होती है, जो आमतौर पर उस प्रकार के Data अथवा Program को Store करती है, जिसे वर्तमान समय में Processing Unit (CPU) द्वारा प्रोसेस किया जा रहा होता है।
Primary Memory मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है जिसमें RAM, ROM और Cache Memory शामिल है। इनकी स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है लेकिन ये सेकेंडरी स्टोरेज (HDD और SDD) की तुलना में डेटा तक बहुत तेजी से पहुंच प्रदान करती है। ये Volatile और Non-volatile दोनों तरह की होती है।
जहां वोलेटाइल का मतलब उन मेमोरी डिवाइस से है जो सिर्फ कंप्यूटर के चालू रहने तक डेटा को स्टोर करती है, जबकि नॉन- वोलेटाइल वो होती है जो लंबे समय तक डेटा को स्टोर कर सकती है। चूंकि यह Main Circuit Board में CPU के बहुत करीब स्थित होती है इसलिये Primary Memory में मौजूद Data को CPU बहुत तेजी से Read करता है।
Primary Memory को Internal Memory और Primary Storage भी कहा जाता है। ये Memory आमतौर पर Semiconductor सामग्री से बनाई गई होती है और सेकंडरी स्टोरेज के मुकाबले अधिक महंगी होती है।
प्राइमरी मेमोरी की कुछ मुख्य विशेषताएं:
• उन Program या Data को स्टोर करती है जिन्हें CPU द्वारा वर्तमान में प्रोसेस किया जा रहा होता है। • Primary Memory कंप्यूटर में सीधे CPU से कनेक्ट होती है।
• ये Semiconductor Memory होती है।
• सेकेंडरी स्टोरेज की तुलना में Primary Memory काफी तेज होती है। • ये काफी महंगी होती है सेकंडरी स्टोरेज डिवाइस की तुलना में।
बिना Primary Memory के कंप्यूटर कार्य नहीं कर सकते।
कंप्यूटर सिस्टम में Primary Memory कुल तीन प्रकार की होती है:
1. RAM
2. ROM
3. Cache Memor
1. RAM
RAM का मतलब Random Access Memory होता है। ये कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी कहलाती है। जब भी Computer में कोई सॉफ्टवेयर या फाइल खोलते है, तो वो सबसे पहले RAM में लोड होते है जिसके बाद CPU द्वारा उन्हें प्रोसेस किया जाता है। आसान भाषा में आप जो भी कंप्यूटर में कर रहे है वो कही न कही RAM में चल रहा है।
इसे Temporary Memory कहा जाता है, क्योंकि यह किसी डेटा को तब तक ही स्टोर करती है जब तक CPU को उसकी जरूरत है। ये अन्य स्टोरेज डिवाइस के मुकाबले बहुत तेज होती है। RAM मुख्य रूप से Volatile प्रकृति की होती है, अर्थात Computer बंद होते ही इसमें मौजूद डेटा डिलीट हो जाता है। RAM मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है: SRAM और DRAM.
2. ROM
ROM का मतलब Read Only Memory है। जैसा इसके नाम से पता चलता है, कि यह सिर्फ Readable होती है अर्थात इसमें स्टोर डेटा या प्रोग्राम को सिर्फ पढ़ा जा सकता है उसमें किसी तरह का संसोधन अथवा बदलाव सम्भव नही या उतना आसान नहीं।
इसलिए आमतौर पर ROM Chip में उन Fixed Program को स्टोर किया जाता है जिन्हें फिर Modified करने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उदाहरण के लिये Computer ROM
में Firmware नाम का एक प्रोग्राम स्टोर होता है, जो Computer को Start करने के लिये जिम्मेदार होता है। ROM की प्रकृति Non-Volatile होती है अर्थात कंप्यूटर के स्विच ऑफ होने की स्थिति में भी इसमें मौजूद प्रोग्राम या डेटा मिटता नहीं। यह डेटा को Permanently स्टोर करके रखती है।
हालांकि यह बहुत कम मात्रा में डेटा स्टोर करती है। ROM एक Slower मेमोरी है और यह RAM के मुकाबले सस्ती होती है। आमतौर पर ROM
तीन प्रकार की होती है: PROM, EPROM और EEPROM.
3. Cache Memory
कंप्यूटर में कैश मेमोरी एक छोटे साइज की Memory होती है, जो अक्सर अनुरोधित डेटा और निर्देशों को स्टोर करती है ताकि जरूरत पड़ने पर वे तुरंत CPU के लिये उपलब्ध हो। Cache Memory डेटा को Temporary रूप से स्टोर करती है।
ये बेहद ही फास्ट मेमोरी है जो कंप्यूटर में CPU और RAM के बीच स्थित होती है। आधुनिक जमाने के कम्प्यूटरों में Cache Memory एक बेहद ही महत्वपूर्ण भाग है।
जब भी CPU कोई टास्क करता है तो कई ऐसे निर्देश होते है जिनकी जरूरत उसे बार-बार पड़ती है, Cach Memory उन निर्देशों को तुरंत CPU को प्रदान करती है। जिससे कंप्यूटर की परफॉरमेंस में सुधार होता है। आमतौर पर यह Memory कंप्यूटर में CPU के साथ इनबिल्ट होती है या फिर किसी अलग चिप के रूप में कंप्यूटर में मौजूद होती है।
(B) Secondary Storage/Memory
Secondary Storage Device को External Storage Device भी कहते है। इनमें डाटा स्थायी रूप से Stored होते हैं। आजकल के कम्प्यूटर में Operating System तथा अन्य सॉफटवेयर तथा उनमें बनने वाली फाईल्स साईज में काफी बडी होती है।
अतः किसी File के Storage के लिए अधिक Storage Capicity की आवश्यकता होती हैं। इसी प्रकार विभिन्न Software में बहुत अधिक संख्या में फाईल्स होती है।
अतः बड़ी मात्रा में Data Program व Information को संग्रहित करने के लिए Secondary Storage Device का उपयोग आवश्यक हैं। यद्यपि इन उपकरणों में Storage तथा Re-Store Speed RAM की अपेक्षा कम होती है। परन्तु यह RAM की अपेक्षा सस्ते होते हैं।
Advantage: –
(1
) क्षमता (Capacity) इनमें बहुत अधिक मात्रा में Data Program व Information को संग्रहित करने की क्षमता होती हैं।
(2) कम लागत (Economical) – RAM की अपेक्षा इनमें अधिक मात्रा में सूचनाओं का संग्रहण कम लागत में किया जाता है।
(3) Reliable (विष्वसनीयता) यह Reliable हैं। डाटा सुरक्षित रहता हैं।
(4) Non Volatile Storage Media कम्प्यूटर बंद हो जाने या लाईट चली जाने पर भी डाटा स्टोर रहता है। (5) Portable (गमनीय) Secondary Storage Device में Store किए गए डाटा को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है। (6) Re-Usable (पून उपयोगी) इनमें पहले से स्टोर किसी डाटा को हटाकर नया डाटा Enter किया जा सकता हैं।
Parts of Computer System –
Motherboard
Motherboard कंप्यूटर का main circuit board होता है, यह एक इलेक्ट्रॉनिक की thin plate होती है जो cpu, memory, को आपस में जोडती है, हार्डडिस्क और ऑप्टिकल ड्राइव जोड़ने के लिए इनमे connectors होते हैं एक्सपेंशन कार्ड motherboard पर होते हैं जिससे कि audio और video को control किया जा सके. बैंक panel पोर्ट्स भी connector की सहायता से motherboard से जुड़े होते हैं प्रत्यक्ष (directly) या अप्रत्यक्ष (indirectly) मदरबोर्ड, कंप्यूटर के सभी पार्ट्स से जुड़े (connect) रहते हैं।
CPU/Processor
CPU जिसे Processor भी कहा जाता है वह कंप्यूटर के अन्दर पाया जाता है जो कि मदरबोर्ड से जुड़ा होता है. प्रोसेसर को brain of the computer भी कहते हैं। प्रोसेसर का काम कंप्यूटर पर आपके द्वारा दिए गए command को पूरा करना होता है, जब भी आप कोई key press करते हैं या माउस से click करते हैं या कोई software को ओपन करते हैं तो आप cpu को एक instruction signal भेजते हैं।
सी.पी.यू 2 इंच का एक ceramic box होता है जिसमे सिलिकॉन की चिप लगी होती है जो उसके अन्दर होती है।
CPU Motherboard के CPU Socket में लगाया जाता है जो एक heatsink से cover किया जाता है जो cpu से उसकी गर्मी बाहर निकालता है। प्रोसेसर की speed को megahertz या gigahertz से दर्शाया जाता है, एक fast processor आपके दद्वारा दिए गए निर्देशों का तेजी से पालन कर सकता है।
Memory (RAM)
Random Acess Memory आपके कंप्यूटर की short term memory होती है जब भी आपका कंप्यूटर
कोई कैलकुलेशन परफॉर्म करता है तो data टेम्पररी तौर पर RAM में Store होती है जब तक उनकी आवश्यकता होती है या जब तक कि कंप्यूटर को shutdown या restart न किया जाए. यदि आप किसी डॉक्यूमेंट, एक्सेल शीट और किसी अन्य फाइल पर कार्य कर रहे हैं तो आपको इन्हें save करना आवश्यक है जब आप अपनी फाइल सेव करते हैं तो आपका data कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में store हो जाता है
जो की एक long term memory होती है।
RAM को megabytes (MB) या gigabytes (GB) से मापा जाता है जितनी अधिक RAM कंप्यूटर पर होगी उनते ही अधिक कार्य एक समय में कंप्यूटर पर कर सकेंगे। यदि कंप्यूटर पर पर्याप्त RAM नहीं होती है तो कंप्यूटर पर lag दिखाई देगा, कंप्यूटर प्रोग्राम ठीक से कार्य नहीं करेंगे जब एक समय पर एक से अधिक software को open करने की कोशिश करेंगे | कंप्यूटर की performance को बढ़ाने के लिए अधिक RAM का उपयोग करते हैं।
Hard Disk
हार्ड डिस्क long term memory है इसे secondary storage device भी कहा जाता है हार्ड डिस्क software, files, documents, photo, video आदि store करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें कंप्यूटर के बंद (off/shutdown) होने के बाद भी आपके कंप्यूटर पर data (save) सुरक्षित रहता है।
जब किसी प्रोग्राम को run करते हैं या किसी file को ओपन करते हैं तो कंप्यूटर कुछ data हार्ड डिस्क से रैम में store कर देता है और जब फाइल को save करते हैं तो data फिर से hard disk में copy कर दिया जाता है। हार्ड डिस्क जितना अधिक fast होगा आपके कंप्यूटर का startup और program की loading भी उतनी अधिक तेजी से होगा।
Power Supply Unit
– Power Supply Unit AC Power को DC Power में convert करता है जो कंप्यूटर को पॉवर देने के लिए उपयोग में लाया जाता है, यह केबल के द्वारा motherboard और दुसरे components को पॉवर supply करता है।
Optical Disk Drive (CD-DVD Drive) ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव कंप्यूटर के फ्रंट में होती है
ऑप्टिकल ड्राइव का उपयोग कर cd/dvd द्वारा विंडोज इनस्टॉल करना सॉफ्टवेयर इंस्टाल, विडियो, ऑडियो, मूवीज देखना आदि कार्य कर सकते हैं blank cd/dvd का उपयोग कर अपने कंप्यूटर के software, movies, video, audio को ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव की सहायता से cd/dvd में स्थापित (write) भी कर सकते हैं।
PHILIPS
Expansion Cards (Video, Audio, Sound, Network Cards) ज्यादातर कंप्यूटर
Motherboard में एक्सपेंशन स्लॉट पाए जाते हैं जिनका उपयोग बहुत प्रकार के एक्सपेंशन कार्ड के लिए उपयोग किया जा सकता है। इन्हें PCI कार्ड भी कहा जाता है (peripheral component interconnection) | हो सकता है आपको कभी पीसीआई कार्ड का उपयोग ही न करना पड़े कारण यह है कि ज्यादातर motherboard में built in video, sound, network और अन्य सुविधाए प्रदान कर दी जाती हैं। यदि कंप्यूटर की परफॉरमेंस को बढ़ाना चाहते हैं तो कंप्यूटर में एक दो काईस लगा सकते हैं।
Video Card –
विडियो कार्ड के कारण ही मोनिटर (monitor) पर दृश्य देख सकते हैं बहुत से कंप्यूटर पर GPU (graphics processing unit) built in होता है। यदि high graphic गेम खेलने हैं तो एक fast विडियो कार्ड या graphic card लगा सकते हैं जिससे कंप्यूटर की graphic performance बढ़ जाती है।
Network Card
-नेटवर्क कार्ड अपने कंप्यूटर पर इन्टरनेट acess करने की सुविधा प्रदान करता है। नेटवर्क कार्ड की सहायता से networking कर, एक कंप्यूटर को नेटवर्क से जोड़ सकते हैं और इन्टरनेट भी acess कर सकते हैं। नेटवर्क कार्ड को ethernet cable या wireless के माध्यम से जोड़ सकते हैं, ज्यादातर motherboard में built in network chip होते हैं चाहें तो अलग से भी नेटवर्क कार्ड अपने कंप्यूटर पर एक्सपेंशन कार्ड के माध्यम से इनस्टॉल कर सकते हैं।