परिचय
Module 6 में हम हिंदी व्याकरण के तीन महत्वपूर्ण घटकों – विराम चिह्न, मुहावरे और लोकोक्तियाँ – को समझेंगे। यह module आपकी भाषाई कौशल को और समृद्ध करेगा।
विराम चिह्न
विराम चिह्नों का महत्व
विराम चिह्न वाक्य के अर्थ को स्पष्ट करने के लिए आवश्यक होते हैं। वे हमें यह बताने में मदद करते हैं कि वाक्य में कहाँ रुकना है, कैसे बोलना है और वाक्य के विभिन्न भागों को किस प्रकार से जोड़ना है।
प्रमुख विराम चिह्न और उनका उपयोग
1. पूर्ण विराम (।)
पूर्ण विराम का उपयोग वाक्य की समाप्ति के लिए किया जाता है।
उदाहरण: राम स्कूल गया।
2. अर्द्ध विराम (;)
अर्द्ध विराम का उपयोग वाक्य के लंबे भागों को अलग करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: हमें समय पर काम पूरा करना चाहिए; नहीं तो हमें समस्या होगी।
3. अल्पविराम (,)
अल्पविराम का उपयोग वाक्य के छोटे हिस्सों को अलग करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: राम, मोहन, और सीता पार्क में खेल रहे थे।
4. प्रश्नवाचक चिह्न (?)
प्रश्नवाचक चिह्न का उपयोग प्रश्न के अंत में किया जाता है।
उदाहरण: आपका नाम क्या है?
5. विस्मयवाचक चिह्न (!)
विस्मयवाचक चिह्न का उपयोग आश्चर्य या भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: अरे! यह कितनी सुन्दर जगह है।
अभ्यास
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम चिह्न लगाएँ:
राम मोहन के साथ बाजार गया
कल क्या तुम मेरे घर आओगे
वाह यह चित्र कितना सुंदर है
मोहन सुरेश और राजू साथ खेल रहे थे
मुहावरे
मुहावरों का परिचय
मुहावरे भाषा को रोचक और संजीव बनाते हैं। वे शब्दों का ऐसा समूह होते हैं जो अपने मूल अर्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करते हैं।
सामान्य मुहावरे और उनका अर्थ
1. नाक में दम करना
अर्थ: बहुत परेशान करना।
उदाहरण: शैतान बच्चे ने सबकी नाक में दम कर रखा है।
2. आसमान से बातें करना
अर्थ: बहुत ऊँचा होना।
उदाहरण: इस बिल्डिंग की कीमत आसमान से बातें कर रही है।
3. अंगूठा दिखाना
अर्थ: मना करना या अनदेखा करना।
उदाहरण: उसने मेरी मदद करने के लिए अंगूठा दिखा दिया।
4. दूध का दूध, पानी का पानी
अर्थ: सत्य को स्पष्ट करना।
उदाहरण: अदालत ने दूध का दूध, पानी का पानी कर दिया।
अभ्यास
निम्नलिखित वाक्यों में उचित मुहावरे जोड़ें:
वह तो हमेशा दूसरों को ________ दिखाता है।
यह रिपोर्ट देखकर ________ हो गया।
बाजार में प्याज की कीमतें ________ कर रही हैं।
उसकी हरकतों ने हमारे सब्र की पतली रस्सी को ________ दिया।
लोकोक्तियाँ
लोकोक्तियों का महत्व
लोकोक्तियाँ हमारे पूर्वजों के अनुभवों और ज्ञान का निचोड़ होती हैं। वे जीवन के सत्य और व्यवहारिक ज्ञान को संक्षेप में व्यक्त करती हैं।
महत्वपूर्ण लोकोक्तियाँ और उनके अर्थ
1. देर आयद, दुरुस्त आयद
अर्थ: देर से आए लेकिन सही समय पर आए।
उदाहरण: उसने देर से काम शुरू किया, लेकिन सही तरीके से पूरा किया। यह सही मायने में देर आयद, दुरुस्त आयद है।
2. काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती
अर्थ: एक ही चाल दोबारा सफल नहीं होती।
उदाहरण: तुम्हारी यह चाल पहली बार चल गई, लेकिन याद रखना काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती।
3. एक पंथ दो काज
अर्थ: एक ही प्रयास में दो सफलताएँ प्राप्त करना।
उदाहरण: मुझे इस काम के लिए दिल्ली जाना था और वहाँ मेरा दोस्त भी रहता है, इस तरह मैंने एक पंथ दो काज किया।
4. हाथ कंगन को आरसी क्या
अर्थ: स्पष्ट चीज को सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं।
उदाहरण: तुम्हारे अच्छे परिणाम देखकर कहना पड़ा कि हाथ कंगन को आरसी क्या।
अभ्यास
निम्नलिखित वाक्यों में उचित लोकोक्तियाँ जोड़ें:
तुम्हारे इस कदम से बिलकुल स्पष्ट हो गया है कि ________।
समय रहते काम शुरू करना चाहिए, क्योंकि ________।
इस योजना से हम ________ कर सकते हैं।
किसी को मूर्ख मत समझो, क्योंकि ________।
सारांश
Module 6 में हमने तीन महत्वपूर्ण बातें सीखी: विराम चिह्न का उपयोग, सामान्य मुहावरे और उनकी अर्थवत्ता, और लोकोक्तियों का व्यवहारिक महत्व। आपने देखा कि कैसे विराम चिह्न वाक्य के अर्थ को स्पष्ट करते हैं, कैसे मुहावरे भाषा को रंगीन बनाते हैं, और कैसे लोकोक्तियाँ हमारे जीवन के ज्ञान को संक्षेप में व्यक्त करती हैं। इन सभी का अभ्यास करके, आप हिंदी लिखने और बोलने में अधिक कुशल बन सकते हैं।