Structure of NCERT in India’s Education System: A great Win Race for 2024

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NCERT Overview

 Mechanism and Purpose

NCERT (नेशनल काउंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) की स्थापना 1961 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य विद्यालयी शिक्षा में सुधार और राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के गुणवत्ता मानकों को ऊंचा उठाना है।

NCERT Headquarters and Lead Organizations

NCERT का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। NCERT प्रमुख संगठनों में CIET (Central Institute of Educational Technology केन्द्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान), NIE (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान संस्थान) और PSIE (Primary Education Research and Training Institute  प्राथमिक शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान) शामिल हैं।

NCERT का क्षेत्रीय विस्तार:

NCERT के छह क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (आरआईई) हैं, जो विभिन्न राज्यों में स्थित हैं, जैसे अजयमेरु, भोपाल, भोवनेश्वर, मैसूर, शिलांग, और भोपाल।

Role of NCERT in Education

Contribution of NCERT in Policy Formulation:

एनसीईआरटी शिक्षा नीति निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह नई शैक्षिक नीतियों के ड्राफ्ट को तैयार करने में सरकार की मदद करता है और नीतियों की परामर्श प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से शामिल रहता है।

 Curriculum Creation and Guidelines:

एनसीईआरटी विभिन्न कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम तैयार करता है और उनका अद्यतनीकरण करता है। यह विद्यालयों को मार्गदर्शन और दिशानिर्देश प्रदान करता है।

 Training Programmes of Teachers:

एनसीईआरटी शिक्षकों के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है, जिससे वे अपने शिक्षण में सुधार कर सकें और नवीनतम शिक्षण विधियों को अपनाएं।

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Courses & Books

 Features of NCERT syllabus

 Scientific Attitude and Discipline:

Features of NCERT syllabus वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित होते हैं, जिससे छात्रों में तार्किक सोच और समस्या समाधान के कौशल विकसित होते हैं।

 Focus on all round development of students:

पाठ्यक्रम इस प्रकार से डिजाइन किए जाते हैं कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो सके, जिसमें शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक विकास शामिल है।

 Contemporary and relevant content:

एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम समसामयिक और प्रासंगिक सामग्री से भरपूर होते हैं, जो छात्रों को वर्तमान समय के मुद्दों और समस्याओं के प्रति जागरूक करते हैं।

 Structure and quality of textbooks

Presentation of Content:

Structure and quality of textbooks में विषयवस्तु को सरल और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत किया जाता है ताकि छात्रों के लिए समझना आसान हो।

 Use of graphics and pictorial materials

 पुस्तकों में रंगीन चित्र, ग्राफिक्स, और चार्ट्स का भरपूर उपयोग होता है, जिससे अध्ययन सामग्री और अधिक रुचिकर और समझने में आसान बनती है।

 Clarity and spontaneity of language:

 एनसीईआरटी की पुस्तकों की भाषा बहुत ही स्पष्ट और सहज होती है, जिससे सभी स्तर के छात्र उन्हें आसानी से समझ सकते हैं।

 Criticism and overall improvement

Essential Improvements in Curriculum:

समय-समय पर पाठ्यक्रम की समीक्षा की जाती है और आवश्यक सुधार किए जाते हैं ताकि यह आधुनिक समय की आवश्यकताओं के अनुरूप रह सके।

 पुनरावलोकन और फीडबैक प्रणाली (Review and feedback system)

 छात्रों, शिक्षकों, और विशेषज्ञों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर पाठ्यक्रम का पुनरावलोकन किया जाता है।

 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तुलना( National and International Comparisons)

एनसीईआरटी अपने पाठ्यक्रमों और पुस्तकों की गुणवत्ता को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों से तुलना करता है ताकि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा बनी रहे।

 शिक्षकों का प्रशिक्षण(Training of Teachers)

 प्राथमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम(Primary Training Programme)

 सैधांतिक और व्यावहारिक भाग(Theoretical and practical parts)

प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सैधांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक अभ्यासन भी शामिल होते हैं, जिससे शिक्षक थ्योरी और प्रैक्टिस दोनों में पारंगत हो सके।

 नव प्रवेशकों के लिए विशेष पाठ्यक्रम(Special Courses for New Entrants)

नए शिक्षकों के लिए विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किए जाते हैं ताकि वे शिक्षा के क्षेत्र में सफलतापूर्वक प्रवेश कर सकें।

 निरंतर शिक्षा और अपडेट्स(Continuing Education & Updates)

शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण विधियों और तकनीकों के बारे में निरंतर अपडेट्स और शिक्षा दी जाती है।

 मध्यम और उच्चतर शिक्षा के लिए कार्यक्रम Programmes for Middle and Higher Education

 उन्नत शिक्षण विधियाँ(Advanced Teaching Methods)

माध्यमिक और उच्चतर शिक्षकों के लिए उन्नत शिक्षण विधियों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

 विशेषज्ञता और विषयगत ज्ञान(Expertise and thematic knowledge)

 शिक्षकों को उनके विशेष विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाती है।

 अद्यतन पाठ्यक्रम और सामग्री(Updated syllabus and content)

 लगातार बदलती शैक्षिक परिस्थितियों के अनुसार पाठ्यक्रम और अध्ययन सामग्री को अद्यतन करने पर जोर दिया जाता है।

 अवसर और चुनौतियाँ(Opportunities and Challenges)

 प्रशिक्षण में प्रवेश के अवसर(Entry Opportunities in Training)

एनसीईआरटी विभिन्न स्तरों पर शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करके उनके कैरियर में नए अवसर पैदा करता है।

 प्रशिक्षण की आवश्यकता और उपयुक्तता(Need and suitability of training)

 शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण विधियों के प्रति जागरूक और प्रशिक्षित करने की आवश्यकता को समझा जाता है।

 भविष्य की चुनौतियाँ और सुझाव (Future Challenges and Suggestions)

 भविष्य में आने वाली चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के नए और प्रभावी तरीकों के बारे में विचार-विमर्श होता है।

 मूल्यांकन प्रणाली (Appraisal System)

 परंपरागत और आधुनिक मूल्यांकन(Traditional and Modern Assessment)

 मानक परीक्षण और मूल्यांकन Standard Testing and Evaluation)

 एनसीईआरटी की मूल्यांकन प्रणाली में मानक परीक्षण और मूल्यांकन के विविध तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है।

 सतत और व्यापक मूल्यांकन (CCE)( Continuous and Comprehensive Evaluation (CCE))

सतत और व्यापक मूल्यांकन प्रणाली के माध्यम से छात्रों के प्रदर्शन का निरंतर मूल्यांकन किया जाता है।

 नई तकनीकों का उपयोग(Use of new technologies)

मूल्यांकन प्रक्रियाओं में नई-नई तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जिससे पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहती है।

 परीक्षाओं का आयोजन और निष्पादन(Conduct and execution of examinations)

 आयोजन की प्रक्रिया और नियमावली (Organizing Procedure and Rules)

 परीक्षाओं का आयोजन सुव्यवस्थित और स्पष्ट नियमावली के आधार पर किया जाता है।

 निष्पक्षता और पारदर्शिता (Fairness and transparency)

परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त मानदंड अपनाए जाते हैं।

 परीक्षाओं के परिणाम और विश्लेषण (Results and analysis of exams)

परीक्षा परिणाम प्रकाशित करने के बाद उनका विस्तृत विश्लेषण किया जाता है ताकि छात्रों की प्रगति का सही-सही मूल्यांकन हो सके।

 फीडबैक और सुधार प्रक्रिया (Feedback and Improvement Process)

 मूल्यांकन के परिणामों का उपयोग (Use of Evaluation Results)

 मूल्यांकन के परिणामों का उपयोग शिक्षण विधियों में सुधार और छात्रों के लिए उपयुक्त शैक्षिक योजनाएं बनाने में किया जाता है।

 शिक्षकों और छात्रों का फीडबैक (Feedback from teachers and students)

शिक्षकों और छात्रों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर मूल्यांकन प्रक्रियाओं में सुधार किया जाता है।

 सुधारात्मक गतिविधियाँ (Corrective Activities)

फीडबैक के आधार पर विभिन्न सुधारात्मक गतिविधियों का आयोजन होता है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो सके।

 विशेष परियोजनाएँ और पहल Special Projects and Initiatives

 नवाचार और अनुसंधान Innovation and Research

 शोध और विकास गतिविधियाँ Research and Development Activities

 एनसीईआरटी द्वारा विभिन्न शोध और विकास गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार हो सके।

 नवाचार परियोजनाएँ Innovation Projects:

 शिक्षा में नवाचार के लिए विभिन्न परियोजनाएं चलाई जाती हैं, जिससे छात्रों और शिक्षकों को नवीनतम तरीकों से अवगत कराया जा सके।

 वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विस्तार Expanding the scientific approach

वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न परियोजनाएं चलाई जाती हैं।

 समाज और समुदाय के साथ सहभागिता Interaction with society and community

 सामाजिक समावेशन और जागरूकता Social Inclusion and Awareness

एनसीईआरटी सामाजिक समावेशन और जागरूकता के कार्यक्रम चलाकर समाज के विभिन्न वर्गों को शिक्षा की महत्ता से अवगत कराता है।

 ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए पहल Initiatives for Rural and Remote Areas

ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए विशेष पहलें की जाती हैं।

 विशेष बालक वर्ग की शिक्षा Education of Special Boys

विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों के लिए भी विशेष शिक्षा योजनाएं बनाई जाती हैं।

Digital Initiatives and Resources

 ई-पाठशाला और डिजिटल पुस्तकालय: एनसीईआरटी द्वारा ई-पाठशाला और डिजिटल पुस्तकालय जैसी डिजिटल पहल की जाती हैं, जिससे छात्रों को कहीं भी, कभी भी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

 ऑनलाइन संसाधन: एनसीईआरटी ने विभिन्न ऑनलाइन संसाधन उपलब्ध कराए हैं, जिससे शिक्षण और अध्ययन को और अधिक सुगम बनाया जा सके।

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